इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) तकनीक का उपयोग करके तैयार किया गया पहला कंगारू भ्रूण

प्रश्न – ऑस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने इंट्रासाइटोप्लाज़मिक स्पर्म इंजेक्शन (ICSI) का उपयोग करके कंगारू भ्रूण तैयार करने में सफलता प्राप्त की। यह उपलब्धि किस विशेष उद्देश्य के लिए महत्वपूर्ण है?
(a) यह तकनीक केवल मानव भ्रूण के लिए विकसित की गई थी।
(b) यह उपलब्धि मार्सुपियल प्रजातियों के संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण है।
(c) यह तकनीक कंगारू के उत्पादकता में वृद्धि करेगी।
(d) यह केवल पशु चिकित्सा उपचार के लिए उपयोगी होगी।
उत्तर – (b)


व्याख्यात्मक उत्तर

  • ऑस्ट्रेलियाई वैज्ञानिकों ने इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) के माध्यम से पहली बार कंगारू भ्रूण तैयार किया है।
  • एंड्रेस गैम्बिनी के नेतृत्व में क्वींसलैंड विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं की एक टीमने पूर्वी ग्रे कंगारू से भ्रूण बनाने के लिए इंट्रासाइटोप्लाज़मिक स्पर्म इंजेक्शन (आईसीएसआई) का उपयोग किया, जो आमतौर पर मानव आईवीएफ में इस्तेमाल की जाने वाली तकनीक है।
  • यह उपलब्धि मार्सुपियल प्रजातियों के संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण है।
  • इस उपलब्धि का विवरण ‘रिप्रोडक्‍शन, फर्टिलिटी एंड डेवलपमेंट’ पत्रिका में प्रकाशित किया गया है।
  • शोधकर्ताओं ने मार्सुपियल के संरक्षण के लिए इस प्रजनन पद्धति का दस्तावेजीकरण किया है।
  • टीम ने हाल ही में मृत कंगारुओं से शुक्राणु और अंडाणु कोशिकाओं को एकत्र करके आईसीएसआई का उपयोग करके 20 से अधिक भ्रूण सफलतापूर्वक तैयार किए हैं।
  • पिछले वर्ष , जर्मनी के वैज्ञानिकों ने आईवीएफ के माध्यम से पहली बार गैंडे के गर्भधारण को संभव किया, जिससे अत्यधिक संकटग्रस्त उत्तरायन सफेद गैंडे के लिए उम्मीद जगी है, जिनकी दुनिया में केवल दो ही प्रजातियाँ बची हैं।
  • ऑस्ट्रेलिया में वैज्ञानिक संकटग्रस्त मेंढक प्रजातियों के लिए भी आईवीएफ और हार्मोन थेरपी का उपयोग कर रहे हैं।

लेखक- विजय प्रताप सिंह 

संबंधित लिंक भी देखें…

https://hindi.downtoearth.org.in/science/now-kangaroo-was-born-using-ivf-technology

https://www.downtoearth.org.in/wildlife-biodiversity/australian-scientists-create-28-kangaroo-embryos-using-ivf-in-conservation-breakthrough