प्रश्न-19 फरवरी, 2019 को केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह और मेनका गांधी ने संयुक्त रूप से 16 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में किसी भी आपात स्थिति में सूचित करने के लिए एक एकल पैन इंडिया नंबर लांच किया है-
(a) 111
(b) 112
(c) 115
(d) 118
उत्तर-(b)
संबंधित तथ्य
- 19 फरवरी, 2019 को केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह और महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने संयुक्त रूप से महिला सुरक्षा से संबंधित विभिन्न पहलों का शुभारंभ नई दिल्ली में किया।
- इन दोनों ने 16 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में किसी भी आपात स्थिति में सूचित करने के लिए एक एकल पैन इंडिया नंबर ‘112’ लांच किया।
- इसके अलावा उन्होंने यौन अपराधों के लिए जांच ट्रैकिंग प्रणाली (आईटीएसएसओ) और सुरक्षित शहर कार्यान्वयन निगरानी पोर्टल का शुभारंभ किया।
- यह सभी आपातकालीन प्रतिक्रिया सहायता प्रणाली (ERSS) के तहत कार्य करेंगे।
- आपातकालीन प्रतिक्रिया सहायता प्रणाली (ईआरएसएस) आंध्र प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, केरल, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, गुजरात, पुडुचेरी, लक्षद्वीप, अंडमान, दादरा और नगर हवेली, दमन और दीव और जम्मू-कश्मीर में शुरू की गई है।
- उल्लेखनीय है कि आपतकालीन प्रतिक्रिया सहायता प्रणाली पहले से ही हिमाचल प्रदेश और नगालैंड में संचालित की जा रही है।
- पहले चरण में सरकार ने मेट्रो शहरों में महिलाओं में सुरक्षा की भावना उत्पन्न करने हेतु 2,919 करोड़ रुपये की लागत राशि से सुरक्षित शहर परियोजनाओं के कार्यान्वयन हेतु 8 शहरों को चिह्नित किया है।
- इन शहरों में अहमदाबाद, बंगलुरू, चेन्नई, दिल्ली, हैदराबाद, कोलकाता, लखनऊ और मुंबई शामिल हैं।
- इन परियोजनाओं को निर्भया फंड योजना के तहत वित्त पोषित किया जाता है।
- इस अवसर पर केंद्रीय गृहमंत्री ने चार राज्यों तमिलनाडु (चेन्नई और मदुरई), उत्तर प्रदेश (लखनऊ और आगरा), पश्चिम बंगाल (कोलकाता) और महाराष्ट्र (मुंबई) की राज्य फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाओं में डीएनए विश्लेषण क्षमता को सुदृढ़ करने हेतु निर्भया फंड के तहत एक विशेष परियोजना शुरू करने की भी घोषणा की।
- सरकार ने आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम, 2018 को लागू करने के अलावा बलात्कार के अपराध के विरूद्ध प्रभावी रोक लगाने के लिए यह पहलें शुरू की है।
- ज्ञातव्य है कि अप्रैल, 2018 में आपराधिक कानून संशोधन में 12 वर्ष से कम उम्र की लड़की से बलात्कार के मामले में कठोर दंडात्मक सजा के साथ मृत्युदंड का प्रावधान किया गया है।
लेखक-विजय प्रताप सिंह
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