प्रश्न-अगस्त, 2019 में भारत सरकार, मध्य प्रदेश सरकार और मध्य प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के बीच भोपाल और इंदौर मेट्रो रेल परियोजना हेतु समझौता-ज्ञापन हस्ताक्षरित हुआ। इस संबंध में विकल्प में कौन-सा तथ्य सही नहीं है?
(a) 19 अगस्त, 2019 को यह समझौता-ज्ञापन नई दिल्ली में हस्ताक्षरित हुआ।
(b) भोपाल मेट्रो रेल परियोजना के अंतर्गत 27.87 किमी. में दो कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा।
(c) इंदौर मेट्रो रेल परियोजनांतर्गत 31.55 किमी. की रिंग लाइन का निर्माण किया जाएगा।
(d) परियोजनांतर्गत भूमि अधिग्रहण, पुनर्स्थापन और पुनर्वास पर आने वाले व्यय का वहन भारत सरकार और मध्य प्रदेश सरकार मिलकर करेंगी।
उत्तर-(d)
संबंधित तथ्य
(a) 19 अगस्त, 2019 को यह समझौता-ज्ञापन नई दिल्ली में हस्ताक्षरित हुआ।
(b) भोपाल मेट्रो रेल परियोजना के अंतर्गत 27.87 किमी. में दो कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा।
(c) इंदौर मेट्रो रेल परियोजनांतर्गत 31.55 किमी. की रिंग लाइन का निर्माण किया जाएगा।
(d) परियोजनांतर्गत भूमि अधिग्रहण, पुनर्स्थापन और पुनर्वास पर आने वाले व्यय का वहन भारत सरकार और मध्य प्रदेश सरकार मिलकर करेंगी।
उत्तर-(d)
संबंधित तथ्य
- 19 अगस्त, 2019 को भारत सरकार, मध्य प्रदेश सरकार और मध्य प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के बीच भोपाल और इंदौर मेट्रो रेल परियोजना हेतु समझौता-ज्ञापन नई दिल्ली में हस्ताक्षरित हुआ।
- यह परियोजना केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित की जा चुकी है।
- भोपाल मेट्रो रेल परियोजना के अंतर्गत 27.87 किमी. में दो कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा।
- 14.99 किमी. लंबा एक कॉरिडोर करेंद सर्कल से एम्स तक और दूसरा 12.88 किमी. लंबा कॉरिडोर भदभदा चौराहे से रत्नागिरी चौराहा तक बनाया जाएगा।
- इसकी कुल लागत राशि 6941.40 करोड़ रुपये होगी।
- इंदौर मेट्रो रेल परियोजनांतर्गत 31.55 किमी. की रिंग लाइन का निर्माण किया जाएगा।
- यह रिंगलाइन बंगाली चौराहा से विजयनगर, भॉवर शाला, एयरपोर्ट होते हुए पलासिया तक निर्मित की जाएगी।
- इसकी कुल लागत राशि 7500.80 करोड़ रुपये होगी।
- दोनों रेल परियोजनाओं का क्रियान्वयन मध्य प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन द्वारा किया जाएगा।
- इस कंपनी को भारत सरकार और मध्य प्रदेश सरकार के संयुक्त उद्यम कंपनी में परिवर्तित किया जाएगा जिसमें दोनों की हिस्सेदारी 50:50 के अनुपात में होगी।
- यह कंपनी परियोजना को पूरा करने हेतु विशेष उद्देश्य वाहन (स्पेशल पर्पज व्हीकल (SPV)) के रूप में कार्य करेगी।
- परियोजनांतर्गत मध्य प्रदेश सरकार भूमि अधिग्रहण, पुनर्स्थापन और पुनर्वास में आने वाले पूरे व्यय को वहन करेगी।
- भोपाल मेट्रो हेतु यूरोपियन इन्वेस्टमेंट बैंक और इंदौर मेट्रो के लिए एशियाई विकास बैंक तथा न्यू डेवलपमेंट बैंक से ऋण भी लिया जाएगा।
- इक्विटी शेयर कैपिटल भारत सरकार खरीदेगी, जिससे परियोजना हेतु बहुपक्षीय और द्विपक्षीय ऋण (लोन) की सुविधा प्राप्त हो सके।
लेखक-विजय प्रताप सिंह
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