भारत में स्वास्थ्य पेशेवरों की भारी कमी-W.H.O.

प्रश्न-भारत में स्वास्थ्य पेशेवरों की भारी कमी से संबंधित हाल ही में जारी विश्व स्वास्थ्य संगठन (W.H.O.) की रिपोर्ट के आधार पर निम्न कथनों में से कूट से सही विकल्प चुनिए-
(1) बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में स्वास्थ्य पेशेवरों की संख्या काफी कम है।
(2) भारत में स्वास्थ्य पेशेवरों की आवश्यकताओं का पूर्वानुमान वर्ष 2026 तक के लिए लगाया गया है।
(3) भारत में 18% प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बिना डॉक्टर के हैं।
कूट
(a) (1) और (2)
(b) केवल (1)
(c) (2) और (3)
(d) (1),(2) और (3)
उत्तर-(d)
संबंधित तथ्य

  • 4 अप्रैल, 2019 को जारी विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization-W.H.O.) की एक रिपोर्ट के के अनुसार में स्वास्थ्य पेशेवरों की भारी कमी है।
  • इस कमी का उल्लेख डब्ल्यूएचओ (WHO) द्वारा प्रकाशित ‘WHO साउथ-ईस्ट एशिया जर्नल ऑफ पब्लिक हेल्थ’ में ‘2026 तक भारत में सार्वजनिक स्वास्थ्य पेशेवरों के लिए भविष्य की जरूरतों और आवश्यकताओं में कमी. का पूर्वानुमान’ वाले शीर्षक में किया गया है।
  • इस रिपोर्ट ने भारत को ‘स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं की महत्वपूर्ण कमी’ श्रेणी में डाल दिया है।
  • रिपोर्ट के अनुसार बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और राजस्थान स्वास्थ्य पेशेवरों की कमी से ज्यादा प्रभावित है, जबकि दिल्ली, केरल, पंजाब और गुजरात इसके अनुकूल हैं।
  • पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अनुसार दक्षिण पूर्व एशिया को वर्ष 2030 तक सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज प्राप्त करने के लिए स्वास्थ्य सेवा जनशक्ति में 50% की वृद्धि की आवश्यकता है।
  • W.H.O. द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2008 के सरकारी आंकड़ों के अनुसार भारत में
  • 18% प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बिना डॉक्टर के थे।
  • लगभग 38% स्वास्थ्य केंद्र बिना प्रयोगशाला तकनीशियन के थे।
  • 16 % स्वास्थ्य केंद्र बिना फार्मासिस्ट के थे।

लेखक-गजेंद्र प्रताप सिंह

संबंधित लिंक भी देखें…
http://www.who-seajph.org/temp/WHOSouth-EastAsiaJPublicHealth8156-9047035_023047.pdf
http://www.who-seajph.org/temp/WHOSouth-EastAsiaJPublicHealth8156-9047035_023047.pdf