प्रश्न-डी.एन.ए. प्रौद्योगिकी (उपयोग और अनुप्रयोग) विनियमन विधेयक, 2018 के संबंध में निम्न कथनों पर विचार करें।
1. यह विधेयक राष्ट्रीय डी.एन.ए. डेटा बैंक और क्षेत्रीय डी.एन.ए. डेटा बैंकों की स्थापना का प्रावधान करता है।
2. इस विधेयक द्वारा एक डी.एन.ए. विनियामक बोर्ड की स्थापना का प्रस्ताव है।
3. इस बोर्ड में कुल 21 सदस्य शामिल होंगे।
सही उत्तर का चयन कीजिए-
कूटः
(a) 1, 2
(b) केवल 1
(c) 2, 3
(d) 1, 2,3
उत्तर-(a)
संबंधित तथ्य
- 8 जनवरी, 2019 को लोक सभा द्वारा डी.एन.ए. प्रौद्योगिकी (उपयोग और अनुप्रयोग) विनियमन विधेयक, 2018 को पारित कर दिया गया।
- इससे पूर्व इस विधेयक को 9 अगस्त, 2018 को केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन द्वारा लोक सभा में पेश किया गया था।
- इस विधेयक में कतिपय व्यक्तियों की पहचान स्थापित करने के लिए डी.एन.ए. प्रौद्योगिकी के उपयोग के नियमन का प्रावधान है।
- विधेयक में अनुसूची में सूचीबद्ध मामलों के संबंध में ही डी.एन.ए. परीक्षण की अनुमति है (जैसे-भारतीय दंड संहिता, 1860 के तहत अपराधों के लिए, पितृत्व मुकदमों के लिए या परित्यक्त बच्चों की पहचान करने के लिए)।
- डी.एन.ए. प्रोफाइल तैयार करते समय, जांच प्राधिकारी वर्ग द्वारा व्यक्तियों के शारीरिक पदार्थ एकत्र किए जा सकते हैं।
- इन प्राधिकारी वर्ग को कुछ स्थितियों में पदार्थों के संग्रह के लिए सहमति प्राप्त करने की आवश्यकता होती है।
- गिरफ्तार व्यक्तियों के लिए, प्राधिकारी वर्ग को सहमति प्राप्त करने की आवश्यकता होती है। यदि उस अपराध में सात साल तक की सजा होती है।
- यदि अपराध में सात साल से अधिक के कारावास या मृत्यु की सजा होती है, तो प्राधिकारी वर्ग को सहमति की आवश्यकता नहीं होती है।
- विधेयक में राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय डी.एन.ए. डेटा बैंक तथा प्रत्येक राज्य अथवा दो या अधिक राज्यों के लिए क्षेत्रीय डी.एन.ए. डेटा बैंकों की स्थापना का प्रावधान है।
- विधेयक में डी.एन.ए. विनियामक बोर्ड की स्थापना का प्रावधान है, जो डी.एन.ए. डेटा बैंकों और डी.एन.ए. प्रयोगशालाओं का अधीक्षण करेगा।
- बायोटेक्नोलॉजी विभाग के सचिव इस बोर्ड के पदेन अध्यक्ष होंगे। इसके अतिरिक्त बोर्ड के 12 सदस्य भी होंगे।
- विधेयक में विभिन्न अपराधों के लिए दंड निर्दिष्ट हैं, जिनमें शामिल हैं-(i) डी.एन.ए. जानकारी के प्रकटन के लिए (ii) प्राधिकृति के बिना डी.एन.ए. सैंपल का उपयोग करना।
- डी.एन.ए. की जानकारी का प्रकटन करने पर तीन वर्ष तक की जेल और एक लाख रुपये तक का जुर्माना निर्धारित है।
संबंधित लिंक भी देखें…
http://www.prsindia.org/billtrack/dna-technology-use-and-application-regulation-bill-2018