खादी और ग्रामोद्योग आयोग एवं जनजातीय कार्य मंत्रालय के मध्य समझौता

Mo Tribal Affairs Signs Two Important MoUs with KVIC of Mo Small & Medium Enterprises

प्रश्न-19 जनवरी‚ 2021 को खादी और ग्रामोद्योग आयोग एवं जनजातीय कार्य मंत्रालय के मध्य 2 समझौताज्ञापन हस्ताक्षरित हुआ। इस समझौताज्ञापन के संबंध में विकल्प में कौन-सा तथ्य सही नहीं है?
(a) पहला समझौताज्ञापन जनजातीय छात्रों के लिए खादी का कपड़ा खरीदने के बारे में है।
(b) दूसरा प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के लिए एक कार्यान्वयन एजेंसी के रूप में केपीआईसी के साथ जनजातीय कार्य मंत्रालय के साथ भागीदारी से संबंधित है।
(c) पहले समझौताज्ञापन के एक भाग के रूप में जनजातीय कार्य मंत्रालय वर्ष 2020-21 में 14.77 करोड़ रुपये मूल्य का 6 लाख मीटर से अधिक खादी के कपड़ों की खरीद करेगा।
(d) यह कपड़ा कस्तूरबा आवासीय विद्यालयों की छात्रों के लिए खरीदा जाएगा।
उत्तर—(d)
संबंधित तथ्य

  • 19 जनवरी‚ 2021 को खादी और ग्रामोद्योग आयोग और जनजातीय कार्य मंत्रालय के मध्य दो समझौताज्ञापन हस्ताक्षरित हुआ।
  • पहला समझौताज्ञापन जनजातीय छात्रों के लिए खादी का कपड़ा खरीदने के बारे में तथा दूसरा प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) के लिए एक कार्यान्वयन एजेंसी के रूप में केवीआईसी के साथ जनजातीय कार्य मंत्रालय के साथ भागीदारी से संबंधित है।
  • यह समझौताज्ञापन प्रधानमंत्री के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के आह्वान के अनुरूप है।
  • इसका उद्देश्य पूरे देश में खादी के कारीगरों और जनजातीय आबादी के एक बड़े भाग को मजबूत करते हुए स्थानीय रोजगारों का सृजन करना है।
  • पहले समझौताज्ञापन के एक भाग के रूप में जनजातीय कार्य मंत्रालय वर्ष 2020-21 में 14.77 करोड़ रुपये मूल्य का 6 लाख मीटर से अधिक खादी के कपड़े की खरीद करेगा।
  • यह कपड़ा एकलव्य आवासीय विद्यालयों के छात्रों हेतु खरीदा जाएगा।
  • दूसरे समझौताज्ञापन के तहत राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति वित्त विकास निगम (एनएसटीएफडीसी) को पीएमईजीपी योजना लागू करने हेतु एक भागीदार के रूप में तैयार किया जाएगा।
  • यह निगम जनजातीय कार्य मंत्रालय की एक एजेंसी है‚ जो देश में जनजातीय लोगों के आर्थिक विकास हेतु जिम्मेदार है।
  • इस निगम द्वारा अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों में इच्छुक अनुसूचित जनजातियों के लोगों को उद्यमशीलता उपक्रमों के वित्तपोषण हेतु रियायती ऋण योजनाएं उपलब्ध कराई जाती हैं।
  • इस समझौताज्ञापन से जनजातीय लोगों को विभिन्न उत्पादन गतिविधियों में शामिल करते हुए स्वरोजगार के अवसरों का सृजन करके लाभान्वित किया जा सकेगा।

लेखक-विजय प्रताप सिंह

संबंधित लिंक भी देखें…

https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=1690041