सुपर ब्लू ब्लड मून

Super Blue Blood Moon

प्रश्न-वर्ष 2018 के पहले चंद्रग्रहण के दौरान एशिया में लगभग 35 वर्षों के बाद चंद्रमा तीन रंगों ‘सुपर मून’,‘ब्लू मून’ और ‘ब्लड मून’ में दिखा। इससे पूर्व एशिया में ऐसा संयोग कब हुआ था?
(a) 30 दिसंबर, 1982
(b) 12 दिसंबर, 1982
(c) 30 जनवरी 1982
(d) 15 जनवरी 1982
उत्तर-(a)
संबंधित तथ्य

  • 31 जनवरी को वर्ष 2018 का पहला चंद्रग्रहण लगा।
  • यह पूर्ण चंद्रग्रहण लगभग 76 मिनट तक रहा।
  • चन्द्रमा शाम छह बजकर 21 मिनट से रात सात बजकर 37 मिनट तक पूरी तरह से पृथ्वी की छाया में रहा।
  • जबकि चंद्रग्रहण की संपूर्ण अवधि ढाई घंटे से भी अधिक रही।
  • ध्यातव्य है कि ‘सुपर ब्लू ब्लड मून’ के दौरान चंद्रमा आम दिनों के मुकाबले अधिक चमकीला और बड़ा दिखाई देता है।
  • इस परिघटना में चांद, पूर्णिमा के चांद से लगभग 30 प्रतिशत अधिक चमकीला और 12 प्रतिशत बड़ा रहता है।
  • चंद्रग्रहण भारत के अलावा विश्व के अन्य हिस्सों यथा इंडोनेशिया, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया में भी स्पष्ट रूप से दृष्टिगोचर हुआ।
  • 31 जनवरी को सुपरमून, ब्लू मून और चंद्रग्रहण ब्लड मून एक ही रात को नजर आए।
  • इस परिघटना को ही ‘सुपर ब्लू ब्लड मून’ कहते हैं।
  • सुपर मून, उस स्थिति में होता है जब चंद्रमा और पृथ्वी के बीच की दूरी सबसे ज्यादा घटती है।
  • इस स्थिति में चंद्रमा बहुत बड़ा और चमकीला दिखता है।
  • ब्लू मून एक ही महीने में दूसरी बार जब पूरा चांद उदय होता है तो उसे ‘ब्लू मून’ कहते हैं।
  • ध्यातव्य है कि दो पूर्णिमाओं के बीच का अंतर 29.5 दिन होता है और एक महीने की औसत लंबाई 30.5 दिन।
  • अतः ढाई-पौने तीन वर्षों में ही एक-बार ऐसा संयोग होता है।
  • ब्लड मून चंद्र ग्रहण तब होता है जब सूर्य, पृथ्वी एवं चंद्रमा ऐसी स्थिति में होते हैं कि कुछ समय के लिए पूरा चांद अंतरिक्ष में धरती की छाया से गुजरता है लेकिन पृथ्वी के वायुमंडल से गुजरते वक्त सूर्य की लालिमा वायुमंडल में बिखर जाती है।
  • बिखरी हुई यह लालिमा चंद्रमा की सतह पर पड़ती है।
  • इसे ही ‘ब्लड मून’ भी कहा जाता है।

संबंधित लिंक
https://www.space.com/39432-get-ready-for-super-blue-blood-moon-eclipse.html
http://www.bbc.com/hindi/india-42883382
https://www.ndtv.com/world-news/first-super-blue-blood-moon-in-150-years-as-three-lunar-events-collide-live-updates-1806956