देश की पहली आधुनिक फोरेंसिक लैब

प्रश्न-देश की पहली आधुनिक फोरेंसिक लैब, सखी सुरक्षा आधुनिक डीएनए फोरेंसिक प्रयोगशाला की आधार शिला महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने कहां रखी?
(a) केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला, मुंबई,
(b) केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला, चंडीगढ़
(c) केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला, चेन्नई
(d) केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला, भोपाल
उत्तर-(b)
संबंधित तथ्य

  • 1 जून, 2018 को महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (सीएसएफएल), चंडीगढ़ के परिसर में सखी सुरक्षा आधुनिक डीएनए फोरेंसिक प्रयोगशाला की आधारशिला रखी।
  • इस प्रयोगशाला की स्थापना एक आदर्श फोरेंसिक प्रयोगशाला के तौर पर की गई है।
  • महिलाओं से जुड़े मामलों से निपटने हेतु सखी सुरक्षा आधुनिक डीएनए फोरेंसिक प्रयोगशाला में चार इकाईयां-यौन उत्पीड़न और हत्या इकाई, पैतृत्व इकाई, मानव पहचान इकाई और माइटोकांड्रियल इकाई की स्थापना की जाएगी।
  • इस अवसर पर मंत्री महोदया ने यौन उत्पीड़न के लंबित मामलों में डीएनए जांच हेतु फोरेंसिक प्रयोगशाला की कमी से निपटने हेतु आगामी 3 माह में ऐसी पांच और प्रयोगशालाएं शुरू करने की घोषणा की।
  • वर्तमान में सीएसएफएल, चंडीगढ़ की क्षमता 160 मामले प्रतिवर्ष से कम है, सखी सुरक्षा आधुनिक डीएनए फोरेंसिक प्रयोगशाला की स्थापना होने से यह क्षमता बढ़कर लगभग 2000 मामले प्रतिवर्ष हो जाएगी।
  • यह प्रयोग शालाएं मुंबई, चेन्नई, गुवाहाटी, पुणे और भोपाल में खोली जाएंगी।
  • पांच और प्रयोशालाओं के खुलने से प्रयोगशालाओं की कुल न्यूनतम वार्षिक क्षमता 50,000 मामले हो जाएगी।
  • चेन्नई और मुंबई में प्रयोगशालाओं की स्थापना महिला और बाल विकास मंत्रालय के कोष से तथा शेष तीन प्रयोगशालाओं की स्थापना हेतु वित्तीय सहायता गृह मंत्रालय द्वारा प्रदत्त की जाएगी।
  • मंत्री महोदया के अनुसार दुष्कर्ष मामलों के लिए विशेष फोरेंसिक किट जुलाई तक सभी पुलिस थानों और अस्पतालों में वितरित कर दी जाएगी।
  • फोरेंसिक उत्पीड़न किट का वर्तमान में सीएफएसएल चंडीगढ़ में प्रमाणीकरण किया जा रहा है।
  • खराब नहीं होने वाली इस किट का उपयोग अप्रदूषित सबूत देने हेतु किया जाएगा।
  • यह परियोजना गृह और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के संयुक्त प्रयास से शुरू की गई है।
  • यौन उत्पीड़न मामले में जांच पूरी कर रिपोर्ट सौंपने की समय-सीमा 90 दिन निर्धारित है।
  • वर्तमान में छह सीएफएसएल चंडीगढ़, गुवाहाटी, कोलकाता, हैदराबाद, पुणे और भोपाल में तथा प्रत्येक राज्य/केंद्रशासित प्रदेश में एक फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला स्थापित है।
  • इन प्रयोगशालाओं में देश भर के यौन-उत्पीड़न आपराधिक, पैतृत्व और हत्या सहित सभी मामलों की फोरेंसिक जांच की जाती है।

संबंधित लिंक भी देखें…
http://pib.nic.in/newsite/PrintRelease.aspx?relid=179696
http://pib.nic.in/newsite/PrintHindiRelease.aspx?relid=72534