उपोष्ण कटिबंधीय बागवानी परियोजना एवं एकीकृत मशरूम विकास परियोजना

प्रश्न-हिमाचल प्रदेश में मशरूम विकास परियोजना को किस मॉडल पर लागू किया जाएगा?
(a) अमरावती
(b) नासिक
(c) लातूर
(d) गढ़वाल
उत्तर-(b)
संबंधित तथ्य

  • 18 सितंबर, 2018 को हिमाचल प्रदेश के सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य और बागवानी मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने शिमला में हिमाचल प्रदेश पर आई एशियन विकास बैंक की टीम और बागवानी विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक में परियोजनाओं की व्यवहार्यता के संबंध में जानकारी प्रदान की।
  • एशियन विकास बैंक की टीम उपोष्ण कटिबंधीय बागवानी और एकीकृत मशरूम विकास योजनाओं के कार्यान्वयन की व्यवहार्यता की समीक्षा हेतु 18-23 सितंबर, 2018 तक इस राज्य के दौरे पर है।




  • यह टीम मंडी और विलासपुर में बागवानों और व्यापारियों से विचार-विमर्श के बाद अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।
  • राज्य के लिए 1668 करोड़ रुपये की बागवानी विकास और 423 करोड़ रुपये की मशरूम उत्पादन परियोजनाएं भारत सरकार द्वारा स्वीकृत की गई है।
  • इसका उद्देश्य राज्य के किसानों और युवा शिक्षित बेरोजगारों को बागवानी गतिविधियों में शामिल करना है।
  • बागवानी परियोजना राज्य के 10 जिलों के 54 विकास खंडों में क्रियान्वित की जाएगी।




  • पहले चरण में 27 विकास खंडों में काम शुरू किया जाएगा।
  • नए बगीचे 20,000 हेक्टेयर क्षेत्र में विकसित किए जाएंगे, जिससे लगभग 50,000 किसान लाभान्वित होंगे।
  • इस परियोजना की विस्तृत रिपोर्ट एडीबी के मानदंडों और दिशा-निर्देशों के अनुसार तैयार की जाएगी।
  • बागवानविदों को बीज और बाजार की सुविधा प्रदान की जाएगी और विभिन्न प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना की जाएगी।
  • राज्य में मशरूम विकास परियोजना को नासिक मॉडल पर लागू किया जाएगा।
  • इसमें अधिकांशतः महिलाएं शामिल की जाएंगी।
  • मेगा मशरूम इकाई के अतिरिक्त 7 जिलों में 7 छोटी मशरूम इकाइयां स्थापित की जाएंगी।
  • मशरूम खाद का उपयोग बागवानी क्षेत्र में किया जाएगा।

लेखक-विजय प्रताप सिंह

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http://himachalpr.gov.in/OnePressRelease.aspx?Language=2&ID=12891