उत्तर प्रदेश मोटरयान नियमावली, 1998 में संशोधन का निर्णय

प्रश्न-मोटरयान अधिनियम, 1998 की किस धारा के अंतर्गत परमिट संबंधी विभिन्न कार्यों के संबंध में शुल्क निर्धारण का अधिकार राज्य सरकार को प्राप्त हैं?
(a) धारा-85
(b) धारा-92
(c) धारा-96
(d) धारा-98
उत्तर-(c)
संबंधित तथ्य

  • 10 जुलाई, 2018 को संपन्न उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में वाहनों के परमिट शुल्क में वृद्धि तथा उत्तर प्रदेश मोटर यान नियमावली, 1998 में संशोधन का निर्णय किया गया।
  • इस नियमावली के नियम-125 में निर्धारित परमिट शुल्क में परिवर्तन किया जाएगा।
  • यह परिवर्तन मध्य प्रदेश और बिहार राज्यों में लागू (वर्तमान में) परमिट शुल्क की दरों को दृष्टिगत रखते हुए किया जाना प्रस्तावित है।
  • संशोधन के तहत अस्थायी परमिट से भिन्न परमिट-मंजिली गाड़ी/माल वाहन हेतु क्रमशः 25-25 प्रतिशत, बड़ी टैक्सी-एक संभाग के लिए 50 प्रतिशत व संपूर्ण उत्तर प्रदेश के लिए 33.33 प्रतिशत, मोटर टैक्सी एक संभाग के लिए 100 प्रतिशत वृद्धि किए जाने का प्रस्ताव है।
  • इसके अलावा संपूर्ण उत्तर प्रदेश व इससे जुड़े तीन राज्यों के लिए क्रमशः 50-50 प्रतिशत एवं संपूर्ण भारतवर्ष के लिए 56.25 प्रतिशत, वाहन रिप्लेसमेंट हेतु 23.08 प्रतिशत तथा अनुज्ञप्ति की दूसरी प्रति जारी करने हेतु 33.33 प्रतिशत की वृद्धि किया जाना प्रस्तावित है।
  • ज्ञातव्य है कि मोटरयान अधिनियम, 1998 की धारा-96 के अंतर्गत परमिट संबंधी विभिन्न कार्यों के संबंध में शुल्क निर्धारण का अधिकार राज्य सरकार को प्राप्त है।
  • परमिट संबंधी विभिन्न कार्यों हेतु शुल्क का निर्धारण वर्ष 2010 में किया गया था।
  • वर्ष 2010 से इसमें कोई वृद्धि या परिवर्तन अभी तक नहीं किया गया है।
  • उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की मंजिली गाड़ियों का किराया वर्ष 2010 के बाद 6 बार तथा नगरीय बसों का किराया 2 बार बढ़ाया जा चुका है।
  • इसके आटो रिक्शा, डीजल चलित टेंपो, टैक्सी के किराए में भी वर्ष 2010 के बाद समय-समय पर वृद्धि हुई है।

लेखक – विजय प्रताप सिंह

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